सर्वपितृमोक्ष अमावस्या की सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और शुद्ध घी के दीपक जलाएं. पीपल में पितरों का वास माना गया है. इसलिए इस दिन इसकी पूजा विशेष फलदायी मानी गयी है. सर्वपितृमोक्ष अमावस्या को किसी एक ब्राह्मण को भोजन कराएं या भोजन सामग्री का दान करें. इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए किसी नदी में काले तिल का अर्पण करें. गो-सेवा करने से भी पितरों को प्रसन्नता होती है. इस दिन गाय को हरा चारा खिलाने से पितृ प्रसन्न और तृप्त होते हैं. सर्वपितृमोक्ष अमावस्या का दिन कालसर्प दोष निवारण के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है. सर्वपितृमोक्ष अमावस्या को घर में कालसर्प दोष निवारक यन्त्र की स्थापना करें और प्रतिदिन उसकी पूजा करें. कालसर्प दोष निवारण के लिए अमावस्या की सुबह चांदी के नाग-नागिन बनाकर उनकी पूजा करें और नदी में बहा दें. सर्वपितृमोक्ष अमावस्या के दिन चावल के आटे से ५ पिंड बनाकर उन्हें लाल कपड़े में लपेटकर किसी नदी में बहा दें.
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