अन्नपूर्णा, इंदौर में स्थित एक भव्य मंदिर है। यह मंदिर कई कारणों से प्रसिद्ध है। यह इंदौर का सबसे पुराना मंदिर है। यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। लोग मान्यता अनुसार यहां मांगने वालो की हर मुराद पूरी होती है। शहर के पश्चिम क्षेत्र में बना ये मंदिर सच्चे दिल से दुआ करने वालों की झोली कभी खाली नहीं रहती। इस मंदिर को 9 वीं शताब्दी में भारत और आर्य व द्रविड़ स्थापत्य शैली के मिश्रण से बनवाया गया था। इस मंदिर की ऊंचाई 100 फुट से भी अधिक है।
यह मंदिर, हिंदूओं की देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है जिन्हें भोजन की देवी माना जाता है। मंदिर की अद्भुत स्थापत्य शैली, विश्व प्रसिद्ध मदुरै के मीनाक्षी मंदिर से प्रेरित लगती है। मंदिर का द्वार काफी भव्य है। चार बड़े हाथियों की मूर्ति द्वार पर सुसज्जित हैं। मंदिर परिसर के अंदर, अन्नपूर्णा, शिव, हनुमान और काल भैरव भगवानों के अलग-अलग मंदिर है। मंदिर की बाहरी दीवारों पर रंगीन पौराणिक छवियां बनी हुई है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण कमल में बैठे भगवान काशी की साढ़े चौदह फुट ऊंची मूर्ति है।
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